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 कविनेट ने किसानों के लिए तीन कानून पारित किया। 

कविनेट ने किसानों के लिए नए कानून  और दो कानुनो मे संसोधन के लिए राज्यसभा में बिधोयक के लिए प्रस्ताव रखा जो सांसदों की सहमती से पास हुआ। राष्‍टपति राम नाथ कोविद ने 27 सितम्बर 2020 को तीन विवादास्पद कृषि विधेयक पर अपानी सहमति दी। इन तीन मे से एक नियम के खिलाफ पंजाब और अन्य स्थानों पर किसानों का विरोध चल रहा है। किसानों का साथ देते हुए भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने इन सुधारो को किसान विरोधी करार दिया है। किसानों के विरोध से लाभ उठाते हुए कई राजनीतिक दल सरकार का विरोध कर रही है। कांग्रेश नेता गोरव गोगोई ने कहा."सरकार अपनी पूंजीवादी दोस्तो को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की जमीन कैसे ले सकती है। चाहे भूमि आधिकरण नियम हो। चाहे औधोगिक प्रणालि हो।" 
1.ये तीन नियम कौन और क्या है।
 प्रथम नियम किसान उत्पादन और वाणिज्य (सम्बंध और सुबिधा) अधिनियम दुसरा मूल्य आश्रसन और कृषि सेवा अधिनीयम और तिसरा आवश्यक वस्तु (संशोधन)। 
क. किसान उत्पादन और वाणिज्य अधिनियम — व्यापार और वाणिज्य ( सम्बंध और सुविधा) अध्यादेश 2020 एपीएमसी बारे के भौतिक परिसर से परे किसानों की उपज के अतंर - राज्य और अतंर-राज्य व्यापार की अनूमती देता है। राज्य सरकारों को एपीएयसी क्षेत्रों के बाहर किसी भी बाजार शुल्क, उपकर या लेवी पर प्रतिबंध लगाने से मना किया गया हौ।
ख. अधिनियम दुसरा - मुल्यय आश्रासन (सवंधॅन और सुविधा)। किसान समझौता अध्यादेश किसी भी कृषि उपज के उत्पादन या पालन से पहले एक किसान और एक खरीदार के बीच एक समझौते के माध्यम से अनुबंध खेती के लिए रूपरेखा बनाता हौ। यह तीन - स्तरीय विवाद निपटान तंत्र के लिए प्रदान करता है। सुलह बोडॅ, उप मडंल मजिस्ट्रेट और अपीलीय पधिकरण।
ग. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यदोश, 2020 केंद्रीय सरकार को केवल कुछ परिस्थितियों(जैसे युध्द और आकाल) के तहत कुछ पदाथों की आपूर्ति को विनियमित करने की अनुमति देता है। कृषि उपज पर स्ट्राक सीमाएं लगाई जा सकती है।
2. इन नय किसान कानुन से किसानों  के लिए क्या - क्या फायदे हौ। (सरकार के नजरीये से)। 
सरकार ने किसानों को समझातें हुए कहा कि "हम APMC (Agricultural produce market commitee) को बंद नहीं कर रहे बल्कि सुधार कर रहे है। पहले किसान अपनी फसल अपनी छेत्रीय मंडी में ही बेच सकता था और APMC  को कर देना हेता था। अब ऐसा नहीं होगा किसान अब अपनी फसल कही और किसी को भी बेच सकता है अपना राज्य हो या दुसरा राज्य। APMC नहीं रोक सकता। इन नए नियमों से नए और छोटे किसान जिनकें पास तीन एकड़ या इससें कम जमीन है उनको लाभ मिलेगा। भारतीय किसानों में छोटे किसानों की भागीदारी 80 प्रतिशत है। 



पुनीत सेठी, सह-संस्थापक और निवेशक, फार्मपाल (एगोटेक प्लेफाॅर्म, जो फसल के बाद की आपूर्ति श्रृंखला का आयोजन करता है) कहते हैं।  " हमनें अपने किसानों के साथ बातों पर चर्चा की है, और बड़े पैमाने पर, कोई विरोध नहीं लगता है उन्हें। बड़े किसान गतिकी छोटे किसानों से बहुत अलग है। जिनकें सीमांत भूस्वामी है, जो बड़े किसान पहले के परिदृश्य से अधिक लाभ उठाय है, उनके पास विरोध करने का अधिक कारण हो सकता है"

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